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मां बगलामुखी मंदिर, नलखेड़ा: आस्था और चमत्कारी शक्तियों का केंद्र

Published on Feb 19, 20255 min read

मां बगलामुखी मंदिर, नलखेड़ा: आस्था और चमत्कारी शक्तियों का केंद्र

परिचय

मध्यप्रदेश के आगर मालवा जिले के नलखेड़ा में स्थित मां बगलामुखी मंदिर एक अत्यंत पवित्र स्थल है। यह मंदिर बगलामुखी नंदकिशोर से जुड़ा हुआ है और शक्ति उपासना का प्रमुख केंद्र माना जाता है। मां बगलामुखी को तांत्रिक एवं आध्यात्मिक सिद्धियों की देवी माना जाता है। भक्त यहां न्याय में विजय, शत्रु बाधा नाश, धन-वैभव प्राप्ति और जीवन में सफलता के लिए विशेष पूजा-अर्चना करते हैं।

मां बगलामुखी मंदिर का इतिहास

यह मंदिर महाभारत काल से जुड़ा हुआ माना जाता है। पांडवों को भगवान श्रीकृष्ण ने अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने के लिए मां बगलामुखी की उपासना करने की सलाह दी थी। नंदकिशोर नामक महान भक्त ने यहां तपस्या कर मां की कृपा प्राप्त की थी। मां बगलामुखी को शत्रुनाशिनी देवी कहा जाता है, जो नकारात्मक शक्तियों को समाप्त कर भक्तों को सुरक्षा प्रदान करती हैं।

मंदिर की विशेषताएँ

  1. तीन प्रमुख बगलामुखी मंदिरों में से एक - नलखेड़ा का मंदिर दतिया (मध्यप्रदेश) और कांगड़ा (हिमाचल प्रदेश) के साथ भारत के प्रमुख बगलामुखी मंदिरों में से एक है।
  2. तांत्रिक साधना का केंद्र - यह मंदिर विशेष रूप से तांत्रिक साधना और अनुष्ठानों के लिए प्रसिद्ध है।
  3. बगलामुखी नंदकिशोर से संबंध - यह मंदिर बगलामुखी नंदकिशोर से जुड़ा हुआ है, जिनकी पूजा पद्धति का अनुसरण कई भक्त करते हैं।

हिमाचल प्रदेश में स्थित बगलामुखी मंदिर

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित बगलामुखी मंदिर भी अत्यंत प्रसिद्ध है। इस मंदिर में शत्रुनाशिनी यज्ञ और वाकसिद्धि यज्ञ संपन्न किए जाते हैं। महाभारत काल में पांडवों द्वारा इस मंदिर की स्थापना की गई थी। यहाँ विशेष शत्रुनाशिनी यज्ञ किया जाता है, जिसमें लाल मिर्च की आहुति दी जाती है।

मां बगलामुखी मंदिर में पूजा और अनुष्ठान

  1. बगलामुखी स्तोत्र पाठ - शत्रु बाधा और संकटों से मुक्ति के लिए।
  2. शत्रु नाश यज्ञ - नकारात्मक शक्तियों को नष्ट करने के लिए लाल मिर्च की आहुति।
  3. विशेष तांत्रिक पूजा - व्यापार, धन-वैभव और सफलता के लिए।
  4. महाआरती और दर्शन - हजारों श्रद्धालु प्रतिदिन महाआरती में सम्मिलित होते हैं।

प्रमुख पर्व एवं आयोजन

  1. नवरात्रि महोत्सव - विशेष यज्ञ और अनुष्ठान।
  2. गुप्त नवरात्रि - तांत्रिक साधकों के लिए महत्वपूर्ण।
  3. गुरु पूर्णिमा - आध्यात्मिक मार्गदर्शन के लिए।

मां बगलामुखी मंदिर, नलखेड़ा कैसे पहुँचे?

हवाई मार्ग - इंदौर हवाई अड्डा (150 किमी) रेल मार्ग - उज्जैन जंक्शन (100 किमी) सड़क मार्ग - नलखेड़ा सड़क मार्ग से प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।

मंदिर दर्शन का महत्व

यदि आप संकटों से मुक्ति, सफलता, धन-वैभव और सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति चाहते हैं, तो बगलामुखी नंदकिशोर मंदिर, नलखेड़ा की यात्रा अवश्य करें। यह मंदिर आस्था, साधना और शक्ति का केंद्र है।

निष्कर्ष

मां बगलामुखी मंदिर, नलखेड़ा केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि एक दिव्य शक्ति केंद्र है। यदि आप नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति, सफलता और समृद्धि प्राप्त करना चाहते हैं, तो यहां की यात्रा अवश्य करें। पूजा एवं अनुष्ठानों की जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट https://www.baglamukhinandkishor.com/ पर विजिट करें।